The Mirror Of Society

उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों पर अब शीतकाल में भी होगी सुचारू बिजली की आपूर्तिः UPCL

देहरादूनः  उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों और तीर्थ स्थलों में अब सर्दियों के सीजन में भी सुचारू बिजली की आपूर्ति होगी. जिसको लेकर यूपीसीएल ने सभी क्षेत्रीय इकाइयों को आवष्यक निर्देष दिए हैं. जिससे पर्यटकों को सुविधा मिलने के साथ पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा. इसके लिए पर्यटक स्थलों से संबंधित सभी उपसंस्थानों में रोजाना एचटी/एलटी लाइनों और स्ट्रीट लाइटों की जांच की जा रही है.
यूपीसीएल के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में उत्तराखंड राज्य के विंटर टूरिज्म क्षेत्र को बढ़ावा मिल रहा है. तथा आने वाले पर्यटकांे को बेहतर सुविधा दिये जाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं. इसी क्रम में यूपीसीएल के प्रबन्ध निदेशक द्वारा राज्य मंे शीतकाल में मुख्य तीर्थाटन एवं पर्यटन स्थलों यथा मसूरी, औली, लैंसडाउन, जोषीमठ, धनौल्टी, ऋशिकेष, हरिद्वार, चमोली, चकराता, राजाजी नेषनल पार्क, टिहरी, देवप्रयाग, चंबा, हर्शिल इत्यादि के साथ-साथ चारों धामों के शीतकालीन पूजा स्थलों में सुचारू विद्युत आपूर्ति करने के लिए सभी क्षेत्रीय इकाईयों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं. प्रबन्ध निदेशक के द्वारा अवगत कराया गया कि उत्तराखण्ड राज्य में शीतकाल में पर्यटन स्थलों पर देश-विदेश से पर्यटकों/यात्रियों का आवागमन होने से राज्य के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलता है तथा रोजगार का सृजन होता है. जिसको देखते हुए यूपीसीएल सभी पर्यटकों को विद्युत सम्बन्धी किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पडे़ हेतु पर्यटन स्थलों से सम्बन्धित सभी उपसंस्थानों, एचटी/एलटी लाइनों तथा स्ट्रीट लाईटों की हर दिन जांच की जा रही है. साथ ही आकस्मिक स्थिति के लिए सभी स्थलों में सामाग्री यथा कन्डक्टर, केबिल, पोल, ट्रांसफार्मर की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है. जिससे विद्युत व्यवधान होने पर न्यूनतम समय अवधि में विद्युत आपूर्ति सुचारू की जा सके. सभी अधीक्षण अभियन्ताओं/अधिशासी अभियंताओं को अपने क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 33/11 के.वी. उपसंस्थानों एवं उनसे निकलने वाले 11 के.वी. फीडरों का निरीक्षण करने तथा हाई अलर्ट मोड में उपस्थित होने के लिए भी निर्देशित किया गया है. इसके अतिरिक्त बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए लाईनों के बीच में आ रहे पेड़ों एवं टहनियों की लोपिंग-चोपिंग की जा रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *