The Mirror Of Society

82 साल तक जिन्दा रहा शख्स, लेकिन नहीं देख पाया कैसी होती है औरत, वजह जानकर होगी हैरानी!

ByReporter

Apr 13, 2023

एक आदमी जो 82 साल तक जीवित रहा, बिना यह जाने कि एक महिला कैसी दिखती है. आख‍िरकार उसकी मौत हो गई. जिंदगीभर वह मह‍िलाओं को एक काल्‍पनिक कथा का ह‍िस्‍सा समझता रहा. कभी बाहर नहीं निकला, लोगों से नहीं मिला. यह कोई फ‍िल्‍मी कहानी नहीं, बल्‍क‍ि हकीकत है. ग्रीस के हल्‍कीदिकी (Halkidiki, Greece)निवासी इस शख्‍स ने मह‍िलाओं के बारे में कभी जाना ही नहीं. जो कुछ जान पाया वह भी सिर्फ किताबों में पढ़कर, अपने साथ‍ियों की बातचीत सुनकर.

यूनीलॉड की रिपोर्ट के मुताबिक, इस शख्‍स का नाम मिहेलो टोलोटोस (Mihailo Tolotos)था. 1856 में इसका जन्‍म हुआ, लेकिन जन्म देने के कुछ ही समय बाद उसकी मां का निधन हो गया. अनाथ टोलोटोस को माउंट एथोस के एक मठ में रहने वाले रूढ़िवादी भिक्षुओं ने अपनाया. उसका पालन-पोषण किया. वहां के नियम बेहद सख्‍त थे. मह‍िलाओं को वहां आने की अनुमत‍ि नहीं थी. घरेलू पशुओं, जैसे गाय या भेड़ भी नहीं आ सकते थे. यह कानून 10वीं शताब्दी से मौजूद हैं और आज भी लागू हैं.

कभी कार-हवाई जहाज भी नहीं देखा
इन नियमों का मकसद यह सुनिश्चित करना था कि माउंट एथोस के मठों में रहने वाले सभी भिक्षु अपने पूरे जीवनकाल में अव‍िवाह‍ित रहें. हालांकि, वह दुनिया भर में घूम सकते थे. लोगों के संपर्क में आ सकते थे. मगर टोलोटोस ने कभी मठ नहीं छोड़ा. वह कहीं बाहर नहीं गए. 1938 में 82 वर्ष की आयु में उनकी मौत हो गई. अन्‍य भिक्षुओं की तरह उन्‍हें भी दफना दिया गया और मठ के लोग मानते हैं कि वह दुनिया के एक मात्र इंसान थे जो यह जाने बिना मर गए कि एक मह‍िला दिखती कैसी है. टोलोटोस की मौत को ज्‍यादा तवज्‍जो तब नहीं मिली. सिर्फ एक अखबार में खबर छपी, जिसमें लिखा गया था कि महिलाएं ही एकमात्र ऐसी चीज नहीं थीं जिसे उन्‍होंने कभी नहीं देखा. कभी कार, हवाई जहाज भी नहीं देखा था. फ‍िल्‍म देखने का तो सवाल ही नहीं उठता.

एडिनबर्ग डेली कूरियर अखबार ने 29 अक्टूबर, 1938 को खबर छापी, जिसमें लिखा कि ग्रीस में साधु बिना किसी महिला को देखे मर गया. न तो उसने कोई कार देखी थी, न कोई फिल्म या कोई हवाई जहाज. जब वह पैदा हुआ तो उसकी मां की मृत्यु हो गई और उसे मठ में लाया गया, जहां कभी कोई महिला प्रवेश नहीं करती. आज, माउंट एथोस को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है और हर साल हजारों टूरिस्‍ट यहां जाते हैं. इनमें से कई इसके समृद्ध इतिहास और आध्यात्मिक परंपराओं के साथ जुड़ भी जाते हैं. हालांकि, महिला अभी भी प्रवेश नहीं कर सकती है. हाल के वर्षों में इस पर कुछ सवाल उठे. इसे भेदभावपूर्ण बताया गया लेकिन मठ ने नियम नहीं बदले. दुनियाभर में इस समुदाय के 20 मठ हैं. इनमें 17 ग्रीक में जबक‍ि 3 सर्बियाई, बल्गेरियाई और रूस में हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *