देहरादूनः उत्तराखण्ड की विषम भौगोलिक संरचना तथा मौसम की विपरीत परिस्थतियों को देखते हुए विद्युत वितरण तंत्र को मजबूती देने के लिये यूपीसीएल द्वारा समय-समय पर आधुनिक तकनीक पर आधारित उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद ऊर्जा क्षेत्र को ओर अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए यूपीसीएल हर सम्भव प्रयास कर रहा है. इसी के तहत अब कैपेसिटर बैंक की स्थापना का कार्य किया जा रहा है.
दरअसल, प्रदेश में कुछ स्थानों पर खराब पॉवर फैक्टर (P.F) और खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में लम्बे स्पानों के चलते कम वोल्टेज की समस्या बनी रहती है, जिससे विद्युत आपूर्ति की स्थिति खराब होने की आशंका रहती है. इसके लिए वर्तमान में यूपीसीएल द्वारा प्रदेश भर में कुल 61 नग 33/11 के.वी. उपसंस्थानों के कुल 101 नग परिवर्तकों के लिये कैपेसिटर बैंक की स्थापना का कार्य किया जा रहा है.
यूपीसीएल के प्रबन्ध निदेशक ने बताया कि पावर सिस्टम नेटवर्क में कैपेसिटर बैंक की स्थापना एक एक गेम चेंजर साबित होगा. यूपीसीएल द्वारा प्रदेश भर में कैपेसिटर बैंक की स्थापना का कार्य मार्च 2025 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है. इस योजना के सफल क्रियान्वयन होने से उपभोक्ताओं की विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता में और सुधार आयेगा. साथ ही वोल्टेज की गुणवत्ता में सुधार होने से प्रदेश में सिंचाई एवं पेयजल परियोजना की दक्षता में भी वृद्धि होगी.
कैपेसिटर बैंक की स्थापना से होंगे यह फायदे
सम्मानित उपभोक्ताओं को लो वोल्टेज की समस्या से निजात मिलेगा.
पॉवर फैक्टर (P.F.) बेहतर होगा.
Technical Losses कम करने में मदद मिलेगी.
वितरण तंत्र और अधिक सुदृढ़ होगा तथा आउटेज में कमी आयेगी.
Line Losses में कमी आयेगी.
- लाइन में फाल्ट की समस्या से निजात मिलेगी. परिवर्तकों के दबाव को कम किया जा सकेगा.