अल्मोड़ा। जिले के चौखुटिया में आज योग गुरु बाबा रामदेव पहुंचे। उन्होंने यहां पतंजलि योग समिति के प्रदेश स्तरीय महासम्मेल का शुभारंभ किया। इस महासम्मेलन में विभिन्न जिलों से महिला एवं पुरुष साधक भी पहुंचे। इस दौरान रामदेव ने एक लाख साधकों का अनूठा नगर बसाने की भी घोषणा की, जो योग के माध्यम से राष्ट्र एवं मानवसेवा में हाथ बंटाएंगे। इसी उद्देश्य से जल्द ही भारत व नेपाल का योग सम्मेलन कराने की भी बात कही।
योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि योग को खेलो इंडिया में शामिल कर लिया गया है। अब यह ओलंपिक में भी स्थान बनाएगा। उत्तराखंड विश्व का सबसे सुंदर राज्य है तो गिवाड़घाटी चौखुटिया का कोई जवाब नहीं।
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि यह सनातन धर्म का गौरव काल है। पूरी दुनिया योग व अध्यात्म का अनुसरण कर रही है। विश्व में एक दिन केवल वैदिक ऋषि धर्म, सनातन व योग रहेगा। तब दुनिया को इसी की जरूरत होगी।
बाबा ने कहा कि सांस्कृतिक, वैचारिक, धार्मिक व शैक्षिक आजादी जितनी भारत में है, उतनी दुनिया के किसी देश में नहीं है। अमेरिका में पूरी आजादी है लेकिन वह सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि इस आजादी को परमवैभव के शिखर तक ले जाने के लिए योग, कर्मयोग के जरिये देश को समर्थवान बनाना होगा। कहा कि योग धर्म से मातृशक्ति वैदिक सनातन व ऋषि धर्म को बचाने में अतुलनीय योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि योग का दीपक हमेशा जलते रहना चाहिए। पतंजलि का उद्देश्य चिकित्सा की गुलामी से दुनिया को मुक्त करना है। इस दिशा में अभियान चल भी रहा है। पतंजलि योग समिति, भारत स्वाभिमान से लेकर योग संदेश से लेकर वैचारिक गुलामियों से मुक्ति दिलाने को तत्पर है। बाबा ने कहा कि चौखुटिया में पूरे हिमालय की नारीशक्ति का जुटना गौरव का विषय है।
चौखुटिया स्थित बाखली के मैदान में रविवार को पतंजलि योग समिति के प्रांतीय महिला सम्मेलन में बाबा रामदेव ने कहा कि पूरे देश में लाखों बहनों का जो संगठन है उसको एक मातृत्व की भावना के साथ नेतृत्व देना, सेवा करना नारीशक्ति की मिसाल है। अलग अलग प्रांतों में अलग अलग प्रकार की प्रकार की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक परिस्थितियां हैं चुनौतियां हैं। पहाड़ देखने में सुंदर है पर रहने में बढ़ीं तपस्या करनी पड़ती है। लेकिन जीवन बहुत अच्छा है। देश में महिला पतंजलि समिति इन चुनौतियों से पार पाकर गांव गांव में योग को पहुंचा रहीं।
बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि योगपीठ भारत को सभी दिशाओं से समर्थ बनाना परम वैभवशाली बनाने को संकल्पित है। पतंजलि योगपीठ की चाहे योग की सेवा हो या आर्युवेद अथवा स्वदेश सेवा हो। चाहे अब शिक्षा व चिकित्सा की बात हो, विभिन्न प्रकार की चुनौतियों की बीच सबसे बड़ी सेवा उत्तराखंड में हो रही है।
उन्होंने मैकाले शिक्षा पद्धति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इसमें झूठा पढ़ाया गया। साधकों से अपने बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए अंग्रेजी के साथ संस्कृति व हिंदी की शिक्षा दिलाने को कहा।
बाबा ने कहा कि सबसे बड़ी सेवा बहनें कर रही हैं, ये गौरव की बात है। योग के क्षेत्र में भाई (पुरुष साधक) 30 से 40 प्रतिशत सेवा कर रहे हैं तो बहनें 60 से 70 फीसद। इससे पूर्व बाबा ने दीप जलाकर सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस दौरान बच्चों ने योग की विविध विधाओं का प्रदर्शन कर मुग्ध किया।
उन्होंने भारत वर्ष के परम वैभव के लिए बुजुर्ग महिलाओं से पूर्णकालिक सदस्य बन जीवन की आहुति दे वीर वीरांगनाओं के देश की स्थापना और वैभवशाली उत्तराखंड बनाने को आगे आने पर जोर दिया।
