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सौर समृद्ध उत्तराखंड अभियान की हुई शुरुआत, सीएम धामी ने किया शुभारंभ, जानिए मकसद

ByReporter

Dec 16, 2024 #saur kauthig, #UPCL

देहरादूनः प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड सौर समृद्ध अभियान की शुरूआत की गई है. रेंजर्स ग्राउंड देहरादून से सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस अभियान का शुभारंभ किया. इस दौरान सीएम धामी ने सोलर वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. 100 दिन तक पहाड़ के कोने-कोने तक यह वैन पहुंचेगी, जो लोगों को सौर ऊर्जा परियोजना व इसमें मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी देगी. वहीं इस दौरान दो दिवसीय सौर कौथिग का भी आयोजन किया गया है. इस मेले में देश-प्रदेश के करीब 50 सोलर प्रोजेक्ट पर काम करने वाली कंपनियों ने स्टॉल लगाए. जिसमें सौर ऊर्जा से संबंधित जानकारी दी गई.

2027 तक 2500 मेगावाट सौर क्षमता स्थापित करना है लक्ष्यः मुख्यंमत्री
इस मौके पर सीएम धामी ने कहा कि हमने उत्तराखंड सौर नीति 2023 के तहत वर्ष 2027 तक 2500 मेगावाट सौर क्षमता स्थापित करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. इसमें 1400 मेगावाट क्षमता डिस्ट्रिब्यूटेड सोलर से आनी है. प्रदेश में पीएम सूर्य घर योजना के तहत रूफटॉप सोलर लगाने में हम इस साल के लक्ष्य से आगे चल रहे हैं. दिसंबर तक हमने लगभग 10500 रूफटॉप सोलर स्थापित कर दिए हैं. इसके अतिरिक्त उन्होंने ग्रास इनवायरमेंटल प्रोडक्ट और नेट जीरो की दिशा में आगे बढ़ने पर भी जोर दिया.

 

यूपीसीएल उरेडा के साथ मिलकर कर रहा संचालित

इस अभियान को यूपीसीएल और उत्तराखण्ड नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण उरेडा के साथ मिलकर संचालित कर रहा है. जिसमें नॉलेज पार्टनर के रूप में प्रमुख थिंक टैंक काउंसिल ऑन एनर्जी एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) है. इस कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण मोबाइल सोलर वैन का उद्घाटन था, जो देहरादून और अन्य शहरों में घूमकर रूफटॉप सोलर सिस्टम को दिखाएगी. यह वैन तकनीक और इसके वित्तपोषण (सब्सिडी व बैंक से लोन इत्यादि) से जुड़े उपभोक्ताओं के सवालों के जवाब देने के साथ.साथ सरल आवेदन प्रक्रिया को भी प्रदर्शित करेगी. सौर समृद्ध उत्तराखण्ड अभियान का लक्ष्य रूफटॉप सोलर से घरों और व्यवसायों को मिलने वाली सुविधा और बचत को दिखाते हुए इसे मुख्य धारा में लाना है.

रूफटॉप सोलर की है अपार संभावनाएंः सचिव ऊर्जा

इस मौके पर ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने स्वागत अभिभाषण में कहा कि सौर ऊर्जा उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में रूफटॉप सोलर के लिए प्रचुर मात्रा में संभावनाएं उपलब्ध हैं. हमने सौर ऊर्जा नीति में वितरित सौर ऊर्जा को प्राथमिकता दी है. इसके लिए राज्य स्तर पर केंद्र के अतिरिक्त सब्सिडी भी दे रहे हैं और प्रक्रियाओं को भी सरल बनाया है. इस योजना को ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए सौर समृद्ध उत्तराखंड अभियान भी शुरू किया है. हमें आशा है कि जन सहयोग से राज्य स्वच्छ ऊर्जा के अपने लक्ष्य को पाने में सफल हो सकेगा.

ये रहे मौजूद
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री श्री प्रेम चंद्र अग्रवाल, विधायक डोईवाला बृजभूषण गैरोला, विधायक राजपुर खजान दास, विधायक कैंट श्रीमती सविता कपूर द्वारा भी प्रतिभाग किया गया. वहीं इस मौके पर पर्यावरणविद पद्मश्री डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने भी सौर कौथिग के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया.

वहीं कार्यक्रम में धन्यवाद प्रस्ताव अपर सचिव ऊर्जा एवं निदेशक उरेडा रंजना राजगुरू द्वारा दिया गया. कार्यक्रम में प्रबंध निदेशक यूपीसीएल अनिल कुमार, प्रबंध निदेशक यूजेवीएनएल संदीप सिंघल, प्रबंध निदेशक पिटकुल पीसी ध्यानी, मुख्य अभियंता सोलर सेल आशीष अरोड़ा तथा मुख्य परियोजना अधिकारी उरेडा मनोज कुमार सहित तीनों निगमों तथा उरेडा के विभिन्न अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे.

वहीं इस दौरान सीईईडब्लू डायरेक्अर कार्तिक गणेश ने कहा कि सौर ऊर्जा हर जगह पर मौजूद है. यहां तक कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में भी. जहां कि अत्यधिक बिखरी हुई बसावट की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सोलर सिस्टम को लगाना व्यावसायिक रूप से उचित है. सौर समृद्ध उत्तराखंड जैसी पहलों के माध्यम से हमारा लक्ष्य रूफटॉप सोलर सिस्टम को अपनाने की प्रक्रिया को सरल बनाकर इसे लगाने की गति बढ़ाने में राज्य की सहायता करना और एक सतत ऊर्जा भविष्य में योगदान करने के साथ नागरिकों को उनका बिजली खर्च घटाकर सशक्त बनाना है.

रूफटॉप लगाने की प्रक्रिया हुई है सरल

इस अभियान की टैगलाइन पीएम.सूर्य घर योजना में रूफटॉप सोलर लगाएं. बिजली बिल में बचत पाए दर्शाती है कि इसमें उपयोगकर्ता. अनुकूल प्रक्रियाओं और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के वित्तीय लाभों के माध्यम से सौर ऊर्जा को अपनाने की प्रक्रिया को सरल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. उद्घाटन कार्यक्रम में दो प्रमुख विषयों एक्सिलरेटिंग उत्तराखण्ड्स एनर्जी ट्रांजिशन, अनलॉकिंग द पोटेंशियल ऑफ रूफटॉप सोलर फॉर इकोनॉमिक एंड क्लाइमेट रेजिलियंस और ग्रीनिंग द रुरल इकोनॉमी थ्रू सोलराइजेशनश् पर पैनल डिस्कशन आयोजित किया गया. इन चर्चाओं में सामने आए ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञ और नीति-निर्माता अपर सचिव ऊर्जा एवं निदेशक उरेडा श्रीमती रंजना राजगुरू, प्रबंध निदेशक यूपीसीएल अनिल कुमार के विचार सतत आर्थिक विकास के प्रोत्साहन और उत्तराखण्ड की विविध भौगोलिक व ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में सौर ऊर्जा की भूमिका पर केंद्रित रहे.
सौर कौथिग नीति निर्माताओं सोलर डेवलपर्स निर्माताओं, डिस्कॉम और वित्तीय संस्थानों को एक साथ लाने का काम किया है, ताकि उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा को अपनाने की संपूर्ण जानकारी मिल सके. इसने रूफटॉप सोलर से मिलने वाले विभिन्न लाभों को रेखांकित किया है. जिसमें इसे लगाने में आसानी केंद्र व राज्य सरकार की सब्सिडी के साथ.साथ बिजली बिलों पर लंबे समय तक होने वाली बचत शामिल है. इसके अलावा रूफटॉप सोलर सिस्टम पर म्यूरल आर्ट भी बनाया गया है, ताकि आम लोगों की अक्षय ऊर्जा के बारे में जिज्ञासा को जगाते हुए उन्हें सौर ऊर्जा समाधानों के बारे में गहन खोजबीन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.

क्या है इस अभियान का मकसद

सौर समृद्ध उत्तराखण्ड अभियान उत्तराखण्ड की सोलर पॉलिसी 2023 के अनुरूप है. जिसका लक्ष्य 2027 तक 2500 मेगावाट सौर क्षमता पाना है. जिसमें डिस्ट्रिब्यूटेड सोलर सिस्टम से 1400 मेगावाट क्षमता शामिल है. इस नीति का लक्ष्य रूफटॉप सोलर को राज्य के ऊर्जा परिवर्तन की आधारशिला बनाना है. सीईईडब्ल्यू के अध्ययन के अनुसार उत्तराखण्ड में आवासीय छतों पर लगभग 1 गीगावाट रूफटॉप सोलर की संभावित क्षमता है. जिसे रूफटॉप सोलर के व्यापक स्वीकरण के माध्यम से जमीन पर उतारना और इन महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पाने में योगदान देना इस अभियान का लक्ष्य है.

 

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