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MNRE की उप महानिदेशक ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति की ली समीक्षा, यूपीसीएल के कामों को सराहा

 

देहरादून : भारत सरकार के  नवीन और नवीकरणीय मंत्रालय (एमएनआरई) की उप महानिदेशक मिनी प्रसन्नाकुमार ने देहरादून शहर में चल रहे  पीएम सूर्य घर मुफ्त योजना और पीएम कुसुम योजना समेत रिन्यूबल एनर्जी सोर्सेज के कामों की  प्रगति की समीक्षा की. जिसमें यूपीसीएल, उरेडा, लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अलावा राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के सदस्यों और सोलर वेंडरों ने प्रतिभाग किया.

इस दौरान एमएनआई की उपमहानिदेश ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में यूपीसीएल द्वारा 10 हजार रूफ टॉप सोलर संयंत्र स्थापित करने के लक्ष्य के सापेक्ष नवंबर माह तक 8 हजार से अधिक संयंत्रों की स्थापना किए जाने की सराहना की. वहीं संयंत्र स्थापना के लिए आवेदन भरने, वेंडर चुनने, संयंत्रों का निरीक्षण और समय पर सब्सिडी देने जैसी प्रक्रियाओं की प्रगति पर भी प्रशंसा जताई.

यूपीसीएल की ओर से सौर सेल के नोडल अधिकारी आशीष अरोड़ा द्वारा उपमहानिदेशक को अवगत कराया गया कि उत्तराखण्ड राज्य में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए यूपीसीएल एक नोडल इकाई के रूप में काम कर रहा है. वर्तमान तक योजना के तहत यूपीसीएल द्वारा लगभग 32 मेगावाट क्षमता के कुल 8 हजार से अधिक सोलर रूफ टॉप संयंत्र स्थापित किये जा चुके हैं. साथ ही यह भी अवगत कराया गया कि लोगों द्वारा योजना में बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया जा रहा है, उन्हें समय पर सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है. उत्तराखण्ड में वर्तमान तक 300 से अधिक अधिकृत सोलर वेंडर्स पंजीकृत हैं, जिनसे उपभोक्ता द्वारा घरों पर सोलर रूफ टॉप संयंत्र स्थापित किये जा रहे हैं. हाल ही में यूपीसीएल द्वारा मुख्यालय में एनपीटीआई के सहयोग से क्षेत्रीय अधिकारियों का ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप सोलर सिस्टम विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. जिसमें पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप सोलर सिस्टम के बारे में जानकारी प्राप्त की गई.

उप महानिदेशक द्वारा राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के सदस्यों के साथ बैठक में सोलर संयंत्र लगाने वाले उपभोक्ताओं को ऋण उपलब्ध कराने के लिए प्रक्रियाओं में सुगमता लाने के लिये प्रेरित किया गया. इसके अतिरिक्त दो दिवसीय कार्यक्रम में उपमहानिदेशक द्वारा पीएम सूर्य घर एवं पीएम कुसुम योजना के अन्तर्गत विभिन्न कार्यस्थलों का भी क्षेत्रीय निरीक्षण किया गया और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तराखण्ड राज्य की प्रगति पर प्रशंसा व्यक्त की गई.

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